नमस्कार दोस्तो मेरा नाम विवेक शर्मा है और आपका मेरे एस ब्लॉग पे स्वागत है/
आज दुनिया के कई इस्लामिक देश आज गृह युद्ध से जुज़ रहे है /
और दुनिया के सबसे ताकत वर देश अम्रीका पर उनके मामलो मे दकहल देने का आरोप लगता रहा है /अम्रीका यह बोल कर अपने लोगो को डराता है की अगर उत्तर कोरिया और ईरान नेकुलेयर बोम बना लेग गे तो उनका देश कतरे मे आ जाए गा लेकिन ना तो उसने कूद parmaru अपसारको ले केआर कुछ किया बलकी उस देश को सबसे जादा सपोर्ट किया जो वो इस्लामिक देश था जिसने सबसे पहले एटम बॉम्ब बनाया और उस मुल्क का नाम है पाकिस्तान
और तो और एस काम मे अम्रीका की गोपीनिया सहमति ती जब की पूरा यूरोप पाकिस्तान के किलफ था यह कुलाशा अम्रीका के ही एजन्सि सीआईए के एजेंट रिचर्ड बार्लो ने किया था /
आज ईन सारी बात पर रिसर्च कर एड्रियन लेवी और स्कॉट क्लार्क ने deception pakistan ,the united states and the secret trade in nuclear weapon किताब लिखी थी
एसी बूक मे उनहो ने ईस कहानी का जिक्र किया है /
December 1975 मे एक बिलकुल दुबला पतला आदमी कराची आइरपोट पर उतरा उसके पास तीन बरे सूटकेस थे जिसमे बस पेपर और फोटो बरे परे थे लेकिन ईस मामूली आदमी को लेने पाकिस्तानी आर्मी के टॉप कमांडर आए एस आदमी का नाम था अब्दुल कादिर खान
जो दुछ लब मे ट्रैंज्लेटर के तौर पर काम करता था/ ईसी कारण उस लैब के हर दस्तावेस तक उसकी पहोच थी
वह सृप परमाणु बॉम्ब बनाने का फार्मूला चुरा कर लाया था
1 साल पहले उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री zulfikar ali bhutto
से बॉम्ब बनाने का वादा किया था जिसे दुनिया ने इस्लामिक बॉम्ब के नाम से जाना सन 1975 मे पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के कुंता मे बहुत बरे पोजेक्ट लगा कर लैब बनाया गया था दुनिया के ऐसे तमाम मुल्क सक्रिय हो गए जो पाकिस्तान का बॉम्ब बनवाना चाहते थे लकीन U.N. के कानून के कारण नहीं बनवा पा रहे थे
सारे कानून की ऐसी तैसी कर पाकिस्तान मे समान पाहुचा जाने लगे और कुछ कमी होती उसे चीन पूराकर देता १० साल तक अब्दुल कादिर खान ने वो प्रोग्राम कलाया जिसने दुनिया के हर कानून को तोरा था भारत मे उस समय उथल फतल मची थी एमर्जन्सि के बाद मारंजी देसाई पीएम बने थे उनका मानना था की पाकिस्तान अगर एटम बॉम्ब बना भी ले तो इंडिया को बस 2 मिनट लगे गा पाकिस्तान को मिटाने मे पर कैबिनेट का मन कुछ और था उन्होने एक नोट बनाया और कहा पाकिस्तान के ईस हरकत के बाद इंडिया को अपना प्रोग्राम सुरू कर देना होगा पर पीएम ने एसे रोक दिया अटॉमिक कोममिसनेर को यह निर्देश दिया गया की किसी भी मंत्री की बात को न सुना जाए 1980 मे इंद्रा गांधी फिर साता मे वापस आई पर पिछली बार के अम्रीका के नाटक के बाद वो भी दरी हुई थी और नया बॉम्ब बनाने मे संकोच कर रही थी एस बार उन्होने प्लान बनाया बॉम्ब बनाने से अच है पाकिस्तान के लैब को उड़ा दिया जाए एसके लिए तय हुया की इसलाएल की मदत ले जाए गी इस्राइल को इस्लामिक बॉम्ब से दर था और वो लोग पहले ही इराक के न्यूक्लियर रिएक्टर को उड़ा चुके थे
इंडिया को इस्राइल से अच दोस्त नहीं मिल सकता था प्लान यह बना के पाकिस्तानी आईर्फ़ोर्के को इंडिया के वेस्ट बार्डर पर उलजाया जाए गा और ईस बीच इस्राइल की एजन्सि मोससद लैब को उड़ा देगी लेकिन अम्रीका की कूफीय एजन्सि को इस बात की बनक पर गई
उस समय अफगानिस्तान से लाराने के लिये अम्रीका मुजाइडीन ट्रानिंग कला रहा था पाकिस्तान का कर्जा चुकाने के लिये अम्रीका के पास एससे सुनहरा मौका नहीं मिलता अम्रीका ने पाकिस्तान को इंडिया और इसराएक के कूफीय साजिस के बारे मे बता दिया यही नहीं पाकिस्तान को बॉम्ब बनाने मे कोइ परेसानी न हो उसका भी जोगड़ किया तय हुआ अम्रीका एस बात पर कुछ नहीं बोले गा और यही हुआ उसने सीधे 1998 मे बोला पाकिस्तान ने इंडिया को बता दिया अगर ऐसा कुछ भी हुआ त वो इंडिया के त्रोंबाय वाले न्यूक्लियर प्लांट को उड़ा देगा
1984 मे इस्राइल ने अपने तरफ से पासकस की वो कूद ही f-16 मिसेल दाग के पाकिस्तान के लैब को उड़ा देते है एस बार किसी को पता नहीं लगे गा पर अम्रीका को लग गई उसने साफ कर दिया हम सीधा - सीधा पाकिस्तान के समरतन मे आ जाए गे और फिर इस्राइल ने भी इरादा बादल दिया अब इंडिया के पास अपना एटम बॉम्ब बनाने के अलावा दूसरा कोइ रास्ता नहीं था और भारत ने परमरु बॉम्ब बनाया और उसका सफल परिशचरण हुआ उदार अम्रीका ने पाकिस्तान के तरफ से आखे मूद्द ली थी एसका नतीजा हुआ की अब्दुल कादिर ने एटम बॉम्ब को ईरान कोरिया को बाट दिया businesses के नाम पे यह काम किया गया दुबई मे ऑफिस और मलयसीय मे फ़ैक्टरि लगाए गए 2004 मे कूद अब्दुल कादिर ने एस बात को दुनिया से बताया था ।
आज दुनिया के कई इस्लामिक देश आज गृह युद्ध से जुज़ रहे है /
और दुनिया के सबसे ताकत वर देश अम्रीका पर उनके मामलो मे दकहल देने का आरोप लगता रहा है /अम्रीका यह बोल कर अपने लोगो को डराता है की अगर उत्तर कोरिया और ईरान नेकुलेयर बोम बना लेग गे तो उनका देश कतरे मे आ जाए गा लेकिन ना तो उसने कूद parmaru अपसारको ले केआर कुछ किया बलकी उस देश को सबसे जादा सपोर्ट किया जो वो इस्लामिक देश था जिसने सबसे पहले एटम बॉम्ब बनाया और उस मुल्क का नाम है पाकिस्तान
और तो और एस काम मे अम्रीका की गोपीनिया सहमति ती जब की पूरा यूरोप पाकिस्तान के किलफ था यह कुलाशा अम्रीका के ही एजन्सि सीआईए के एजेंट रिचर्ड बार्लो ने किया था /
आज ईन सारी बात पर रिसर्च कर एड्रियन लेवी और स्कॉट क्लार्क ने deception pakistan ,the united states and the secret trade in nuclear weapon किताब लिखी थी
एसी बूक मे उनहो ने ईस कहानी का जिक्र किया है /
December 1975 मे एक बिलकुल दुबला पतला आदमी कराची आइरपोट पर उतरा उसके पास तीन बरे सूटकेस थे जिसमे बस पेपर और फोटो बरे परे थे लेकिन ईस मामूली आदमी को लेने पाकिस्तानी आर्मी के टॉप कमांडर आए एस आदमी का नाम था अब्दुल कादिर खान
जो दुछ लब मे ट्रैंज्लेटर के तौर पर काम करता था/ ईसी कारण उस लैब के हर दस्तावेस तक उसकी पहोच थी
वह सृप परमाणु बॉम्ब बनाने का फार्मूला चुरा कर लाया था
1 साल पहले उसने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री zulfikar ali bhutto
सारे कानून की ऐसी तैसी कर पाकिस्तान मे समान पाहुचा जाने लगे और कुछ कमी होती उसे चीन पूराकर देता १० साल तक अब्दुल कादिर खान ने वो प्रोग्राम कलाया जिसने दुनिया के हर कानून को तोरा था भारत मे उस समय उथल फतल मची थी एमर्जन्सि के बाद मारंजी देसाई पीएम बने थे उनका मानना था की पाकिस्तान अगर एटम बॉम्ब बना भी ले तो इंडिया को बस 2 मिनट लगे गा पाकिस्तान को मिटाने मे पर कैबिनेट का मन कुछ और था उन्होने एक नोट बनाया और कहा पाकिस्तान के ईस हरकत के बाद इंडिया को अपना प्रोग्राम सुरू कर देना होगा पर पीएम ने एसे रोक दिया अटॉमिक कोममिसनेर को यह निर्देश दिया गया की किसी भी मंत्री की बात को न सुना जाए 1980 मे इंद्रा गांधी फिर साता मे वापस आई पर पिछली बार के अम्रीका के नाटक के बाद वो भी दरी हुई थी और नया बॉम्ब बनाने मे संकोच कर रही थी एस बार उन्होने प्लान बनाया बॉम्ब बनाने से अच है पाकिस्तान के लैब को उड़ा दिया जाए एसके लिए तय हुया की इसलाएल की मदत ले जाए गी इस्राइल को इस्लामिक बॉम्ब से दर था और वो लोग पहले ही इराक के न्यूक्लियर रिएक्टर को उड़ा चुके थे
इंडिया को इस्राइल से अच दोस्त नहीं मिल सकता था प्लान यह बना के पाकिस्तानी आईर्फ़ोर्के को इंडिया के वेस्ट बार्डर पर उलजाया जाए गा और ईस बीच इस्राइल की एजन्सि मोससद लैब को उड़ा देगी लेकिन अम्रीका की कूफीय एजन्सि को इस बात की बनक पर गई
उस समय अफगानिस्तान से लाराने के लिये अम्रीका मुजाइडीन ट्रानिंग कला रहा था पाकिस्तान का कर्जा चुकाने के लिये अम्रीका के पास एससे सुनहरा मौका नहीं मिलता अम्रीका ने पाकिस्तान को इंडिया और इसराएक के कूफीय साजिस के बारे मे बता दिया यही नहीं पाकिस्तान को बॉम्ब बनाने मे कोइ परेसानी न हो उसका भी जोगड़ किया तय हुआ अम्रीका एस बात पर कुछ नहीं बोले गा और यही हुआ उसने सीधे 1998 मे बोला पाकिस्तान ने इंडिया को बता दिया अगर ऐसा कुछ भी हुआ त वो इंडिया के त्रोंबाय वाले न्यूक्लियर प्लांट को उड़ा देगा
1984 मे इस्राइल ने अपने तरफ से पासकस की वो कूद ही f-16 मिसेल दाग के पाकिस्तान के लैब को उड़ा देते है एस बार किसी को पता नहीं लगे गा पर अम्रीका को लग गई उसने साफ कर दिया हम सीधा - सीधा पाकिस्तान के समरतन मे आ जाए गे और फिर इस्राइल ने भी इरादा बादल दिया अब इंडिया के पास अपना एटम बॉम्ब बनाने के अलावा दूसरा कोइ रास्ता नहीं था और भारत ने परमरु बॉम्ब बनाया और उसका सफल परिशचरण हुआ उदार अम्रीका ने पाकिस्तान के तरफ से आखे मूद्द ली थी एसका नतीजा हुआ की अब्दुल कादिर ने एटम बॉम्ब को ईरान कोरिया को बाट दिया businesses के नाम पे यह काम किया गया दुबई मे ऑफिस और मलयसीय मे फ़ैक्टरि लगाए गए 2004 मे कूद अब्दुल कादिर ने एस बात को दुनिया से बताया था ।
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